भारत के स्टार बल्लेबाज ईशान किशन की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। इशान किशन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया है. इशान किशन रणजी ट्रॉफी में झारखंड की ओर से खेले गए आखिरी मैच में भी शामिल नहीं हुए थे. बीसीसीआई ने उन खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी में खेलने का निर्देश दिया था जो राष्ट्रीय ड्यूटी पर नहीं थे। ईशान किशन के अलावा दीपक चाहर और श्रेयस अय्यर ने भी बीसीसीआई सचिव जय शाह के निर्देशों का पालन नहीं किया.
दरअसल, इस पूरे विवाद की शुरुआत ईशान किशन से हुई. इशान किशन ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देकर पिछले साल दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान क्रिकेट से ब्रेक ले लिया था। इसके बाद इशान किशन को अफगानिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में जगह नहीं दी गई. जब टीम प्रबंधन से इशान किशन की अनुपलब्धता के बारे में पूछा गया, तो कोच राहुल द्रविड़ ने स्पष्ट किया कि किशन को वापसी के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना होगा। लेकिन किशन रणजी ट्रॉफी से दूर रहे और इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज के आखिरी तीन मैचों में भी उन्हें नहीं चुना गया.
बीसीसीआई कर सकता है कार्रवाई
इस पूरे विवाद को देखते हुए बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि अब से टीम इंडिया के खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी को नजरअंदाज नहीं कर सकते. बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी नहीं खेलने पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी. इसके बावजूद किशन आखिरी मैच खेलने के लिए मैदान में नहीं उतरे. दीपक चाहर ने भी इस सीजन में एक भी रणजी मैच नहीं खेला. भारतीय टीम से बाहर होने के बाद श्रेयस अय्यर के मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी में खेलने की उम्मीद थी. लेकिन अय्यर ने भी मैदान से दूरी बनाए रखी. इन सभी खिलाड़ियों पर घरेलू क्रिकेट की जगह आईपीएल को तवज्जो देने का आरोप लग रहा है.