जैसा कि क्रिकेट जगत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी श्रृंखला का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, सभी की निगाहें 22 वर्षीय तेज गेंदबाज हर्षित राणा पर हैं। प्रभावशाली घरेलू सीज़न के बाद भारतीय टेस्ट टीम के लिए चुने गए राणा न केवल अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं, बल्कि उस लचीलेपन और समर्पण को भी प्रदर्शित करना चाहते हैं जिसने उनकी यात्रा को परिभाषित किया है। राष्ट्रीय टीम के लिए राणा की राह बिल्कुल भी आसान नहीं रही। एक बार चोटों और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने के बाद, युवा खिलाड़ी ने अपने करियर को पुनर्जीवित करने के लिए 17 किलोग्राम वजन कम करके एक महत्वपूर्ण परिवर्तन किया। यह नाटकीय वजन घटाना उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो उच्चतम स्तर पर सफल होने की इच्छा से प्रेरित है। राणा ने स्वीकार किया, “मैं बहुत बार घायल हुआ हूं।” “मेरे पिता चट्टान की तरह मेरे पीछे थे और हर कदम पर मेरा हौसला बढ़ाते रहे।” उनके पिता, प्रदीप राणा ने इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्हें विभिन्न डॉक्टरों के पास ले गए और यहां तक कि हर्षित की शारीरिक स्थिति को बहाल करने के लिए वैकल्पिक उपचार भी तलाशे।
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चयन से पहले उत्कृष्ट प्रदर्शन
आईपीएल 2024 सीज़न में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ राणा के शानदार प्रदर्शन ने उनकी क्षमता को साबित कर दिया। पूर्व भारतीय क्रिकेटर से मुख्य कोच बने गौतम गंभीर की देखरेख में राणा ने 20.15 की प्रभावशाली औसत से 19 विकेट लिए। दलीप ट्रॉफी के दौरान उनकी क्षमताओं को और अधिक प्रमाणित किया गया, जहां उन्होंने भारत डी के लिए आठ विकेट लिए। रणजी ट्रॉफी में राणा के हालिया कारनामे, जिसमें पांच विकेट और एक अर्धशतक शामिल है, एक गेंदबाज के रूप में उनकी दोहरे खतरे की स्थिति को रेखांकित करता है। बल्ले से योगदान देना, ऑस्ट्रेलियाई चुनौती के लिए तैयार होने वाली भारतीय टीम के लिए एक मूल्यवान संपत्ति है।
पिता-पुत्र का बंधन: आपकी सफलता की रीढ़
राणा की यात्रा की भावनात्मक गहराई को उनके पिता के साथ उनके संबंधों में खूबसूरती से चित्रित किया गया है। उन्होंने बताया, “मेरे पिता का सपना मुझे इंग्लैंड में खेलते हुए देखना था, लेकिन मैं हमेशा ऑस्ट्रेलिया का सामना करना चाहता था।” यह प्रतिस्पर्धी भावना, जो ऑस्ट्रेलियाई टीम को प्रतिबिंबित करती है, राणा की आकांक्षाओं में एक दिलचस्प बारीकियों को जोड़ती है। प्रदीप राणा के अटूट समर्थन ने न केवल हर्षित के आत्मविश्वास को बढ़ाया है बल्कि उसे एक पेशेवर क्रिकेटर के कठिन रास्ते पर आगे बढ़ने में भी मदद की है। हर्षित ने सच्चे दिल से आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आज मैं जो कुछ भी हूं, अपने पिता की वजह से हूं।”
आगे की राह: ऑस्ट्रेलिया के लिए प्रत्याशा
22 नवंबर से शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लेकर हर्षित राणा उत्साह से भरे हुए हैं। उनका उद्देश्य आक्रामक क्रिकेट के लिए मशहूर ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ अपने कौशल का प्रदर्शन करना है। उन्होंने इस अवसर पर आगे बढ़ने की अपनी इच्छा का संकेत देते हुए कहा, “मैं मैदान पर जो प्रतिस्पर्धी रवैया लाता हूं वह ऑस्ट्रेलिया के दृष्टिकोण के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है।” जैसे ही वह भारतीय जर्सी पहनने की तैयारी कर रहे हैं, वह जसप्रित बुमरा और मोहम्मद सिराज जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के साथ बातचीत से प्रेरित हैं, जिन्होंने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में खेलने पर अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की है।
प्रमुख खिलाड़ी और आगामी मैच
राणा का चयन भारतीय टीम में प्रतिभा की एक नई लहर का हिस्सा है, जिसमें नीतीश कुमार रेड्डी और अभिमन्यु ईश्वरन शामिल हैं, जो सभी प्रतिष्ठित श्रृंखला में अपनी योग्यता साबित करने के लिए उत्सुक हैं। पर्थ में पहला टेस्ट रोमांचक मुकाबला होगा, इसके बाद एडिलेड, ब्रिस्बेन और मेलबर्न में मैच होंगे, जिसका समापन बॉक्सिंग डे टेस्ट में होगा। रोहित शर्मा के नेतृत्व में और उनके पास एक युवा और गतिशील टीम के साथ, भारतीय क्रिकेट प्रशंसक टेस्ट मैदान पर अपना प्रभुत्व फिर से हासिल करने को लेकर आशावादी हैं।